Lakshmi Stotram
वन्दे पद्मकराम प्रसन्न वदनाम सौभाग्यदाम भाग्यदाम
हस्ताभ्याम् अभय प्रदाम् मणि गणैः नाना विधै: भूषिताम्
भक्ताभीश्ट फल प्रदाम् हरिहर ब्रह्मादिभि: सेविताम्
पार्श्वे पंकज शंख पद्म निधिर्भ्युक्ताम् सदा शक्तिभिः ||
सरसिज नयने सरोजहस्ते धवळा तरामसुक गन्धमाल्य शोभे
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवन भूतिकरि प्रसीद मह्यं ॥
लक्ष्मीम् क्षीर समुद्रराज तनयाम् श्रीरंग धामेश्वरीम्
दासीभूत समस्त देव वनिताम् लोकैक दीपांकुरॉम
श्रीमन मन्द कटाक्ष लभ्द विभव ब्रह्मेन्द्र गंगाधराम्
त्वाम त्रैलोक्य कुटुम्बिनीम् सरसिजाम् वन्दे मुकुन्द प्रियाम् ॥
मातर्नमामि कमले कमलायताक्षि
श्री विष्णु हृत्कमल वासिनि विश्वमात
क्षीरोदजे कमल कोमल गर्भ गौरि
लक्ष्मी प्रसीद सततम् नमताम् शरण्ये ॥
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